
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन बिल, 2025 पर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसे सीधे तौर पर “ब्लैकमेल पॉलिटिक्स” का हिस्सा बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये बिल नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं को निशाना बनाने के लिए लाया गया है।
क्या है 130वां संविधान संशोधन बिल?
इस बिल के तहत, अगर कोई मंत्री (राज्य या केंद्र का) किसी गंभीर अपराध या भ्रष्टाचार के आरोप में 30 दिनों से अधिक हिरासत में रहता है, तो उसे पद से हटाया जा सकेगा।
इसके साथ ही, यदि मामला PMLEA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत दर्ज हो, तो जल्द जमानत मिलना मुश्किल हो सकता है।
“ये बिल डराने और ब्लैकमेल करने के लिए है” – तेजस्वी यादव
तेजस्वी ने कहा:
“ये सरकार नेताओं को टारगेट करने और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए ये बिल ला रही है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को दबाव में रखने के लिए ये चाल है। ईडी केस में PMLEA लगा दिया तो बेल मिलना भी मुश्किल हो जाता है।”
‘वोटर अधिकार यात्रा’ का जनता में जबरदस्त असर
INDIA गठबंधन और कांग्रेस की ओर से बिहार में चल रही ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर भी तेजस्वी ने बात की। उन्होंने कहा कि:
“बिहार की जनता अब जागरूक हो चुकी है। लोग जान गए हैं कि किस तरह से उनके अधिकार छीने जा रहे हैं। ये यात्रा ऐतिहासिक बन चुकी है और लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है।”
यात्रा 17 अगस्त से शुरू हुई है और 16 दिनों तक चलेगी, जो बिहार के अलग-अलग जिलों से होकर गुजरेगी।
“बीजेपी और चुनाव आयोग की पोल खुल चुकी है”
तेजस्वी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि आने वाले समय में बिहार की जनता मौजूदा सरकार को करारा जवाब देगी।
“चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत अब किसी से छुपी नहीं है। हम जनता को सच दिखा रहे हैं।”
130वां संविधान संशोधन बिल को लेकर विपक्षी पार्टियों में गहरा रोष है। जहां सरकार इसे गुड गवर्नेंस का हिस्सा बता रही है, वहीं विपक्ष इसे पोलिटिकल हथकंडा मान रहा है। आने वाले दिनों में यह बिल और तेज़ सियासी बहस का कारण बन सकता है।
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